Published on Mar 02, 2021 Updated 0 Hours ago

साल 1944 की तरह, हमारे सामने दो चुनौतियां हैं - आज, एक युद्ध को लड़ना ताकि कल एक बेहतर भविष्य का निर्माण किया जा सके. ऐसे में आर्थिक नीतियों को वर्तमान के लिए बेहतर होते हुए, कल के लिए प्रभावी बने रहना होगा. यह कैसे हासिल किया जा सकता है?

आईएमएफ़ प्रमुख क्रिस्टालिना जॉर्जीवा के कथन “ब्रेटन वुड्स क्षण” का आकलन

“हम ब्रेटन वुड्स क्षण का सामना कर रहे हैं,” आईएमएफ की प्रबंध निदेशक क्रिस्टालिना जॉर्जीवा ने हाल ही में कोविड-19 के चलते वैश्विक स्तर पर आर्थिक वातावरण में हुए बदलावों का ज़िक्र करते हुए यह बात कही. ऐसे में क्या महामारी से शुरु हुआ संकट अंतरराष्ट्रीय आर्थिक नीति के लिए एक महत्वपूर्ण परिवर्तक मोड़ है? क्या पुराने ब्रेटन वुड्स संस्थान एक नया दृष्टिकोण खोजने के लिए अब तैयार हैं, एक अधिक लचीला, अनुभव आधारित, कम हठधर्मी, संस्थान? अमेरिकी फेडरल रिज़र्व यानी फेड (US Federal Reserve, Fed) पहले ही अपने नए औसत मुद्रास्फीति लक्ष्यीकरण की शुरूआत कर चुका है, जबकि अन्य केंद्रीय बैंकों ने अपने मुद्रास्फीति लक्ष्यों को व्यवस्थित रूप से कम किया है. मुद्रास्फीति की बेहतर उम्मीदों को देखते हुए, अमेरिकी फेडरल रिज़र्व, अर्थव्यवस्था को पूर्ण रोज़गार और मुद्रास्फीति से ऊपर, अस्थायी रूप से लक्ष्य को पार करने की क्षमता दे सकता है. कोविड-19 के ख़िलाफ़ युद्ध स्तर पर कार्रवाई असाधारण रूप से कई प्रकार के हस्तक्षेपों की मांग करती है. ऐसे में परिणामों द्वारा संचालित नीतियां बनाया जाना अनिवार्य हैं. साल 1944 की तरह, हमारे सामने दो चुनौतियां हैं- आज, एक युद्ध को लड़ना ताकि कल एक बेहतर भविष्य का निर्माण किया जा सके. ऐसे में आर्थिक नीतियों को वर्तमान के लिए बेहतर होते हुए, कल के लिए प्रभावी बने रहना होगा. यह कैसे हासिल किया जा सकता है?  

साल 1944 की तरह, हमारे सामने दो चुनौतियां हैं- आज, एक युद्ध को लड़ना ताकि कल एक बेहतर भविष्य का निर्माण किया जा सके.

“पहला, [सही आर्थिक नीतियों के माध्यम से].” जॉर्जीवा एक व्यापक एजेंडे की वकालत करती हैं. युद्ध के दौरान आपको अधिक खर्च करना चाहिए और खर्च में कटौती नहीं करनी चाहि. गंभीर आर्थिक मंदी यानी ग्रेट रिसेशन (2007-2009) के दौरान लागू किया गया यह दृष्टिकोण एक प्राथमिकता है. सामाजिक मुद्दे मायने रखते हैं: हमें लोगों में अधिक निवेश करना चाहिए. इसका मतलब है कि कमज़ोर लोगों की रक्षा करना.

दूसरा, जलवायु परिवर्तन के ज़रिए. जॉर्जीवा ने कहा कि, हम जलवायु परिवर्तन पर ध्यान केंद्रित करते हैं, क्योंकि यह व्यापक रूप से महत्वपूर्ण है और जो विकास और समृद्धि के लिए गंभीर ख़तरा पैदा कर रहा है. यह लोगों के लिए भी महत्वपूर्ण है और पृथ्वी ग्रह के लिए भी.” स्थिरता और टिकाऊपन हमारी लॉगबुक में एक नया विस्तार है. एक लचीला पारिस्थितिकी तंत्र हमारा अंतिम लक्ष्य है.

यदि हम वास्तव में ब्रेटन वुड्स क्षण को ऐतिहासिक रूप से दोहराते हुए देख रहे हैं, तो हम हैरी डेक्सटर व्हाइट के सुझावों (अमेरिकी स्थिति) का अधिक प्रभाव देखेंगे न कि लॉर्ड केन्स के विचारों का (ब्रिटिश स्थिति). विश्व बैंक समूह (और पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा नियुक्त एक पूर्व वॉल स्ट्रीटर) के अध्यक्ष डेविड मालपास ने “ग़रीबी, असमानता, मानव पूंजी, ऋण में कमी, जलवायु परिवर्तन को उन तत्वों के रूप में परिभाषित किया है जो आर्थिक अनुकूलनशीलता को संबोधित कर सकते हैं”. उन्होंने आग्रह किया है कि इन तत्वों को आपात स्तर पर संबोधित किए जाने की ज़रूरत है, ताकि लचीलेपन के साथ सामान्य स्थिति को बहाल किया जा सके.

महामारी ने दुनिया को आखिरी क़गार पर धकेल दिया है, लेकिन जैसे ही लॉकडाउन में ढील दी गई, आर्थिक रिकवरी ने रफ़्तार पकड़ ली. मई 2020 में एक नया अस्थायी विस्तार शुरू हुआ.

जॉर्जीवा का आर्थिक बहाली का आह्वान

महामारी ने दुनिया को आखिरी क़गार पर धकेल दिया है, लेकिन जैसे ही लॉकडाउन में ढील दी गई, आर्थिक रिकवरी ने रफ़्तार पकड़ ली. मई 2020 में एक नया अस्थायी विस्तार शुरू हुआ. अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष की समिति के हाल ही के संवाद-पत्र में स्पष्ट रूप से कहा गया कि, “हम, आत्मविश्वास और नौकरियों को बहाल करने और विकास की दिशा में आगे बढ़ने के लिए सभी मौजूदा वित्तीय नीतियों को सामूहिक और व्यक्तिगत रूप से इस्तेमाल करने की प्रतिबद्धता दिखाते हैं,” उनकी प्रतिज्ञा अब तक विश्वसनीय रही है. वैश्विक आर्थिक नीति के समन्वय ने विश्व को ऋण संकट से बचाया है. अभी तक कोई वित्तीय संकट सामने नहीं आया है. विश्व स्तर पर उपलब्ध राजकोषीय प्रोत्साहन 12 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर के क़रीब है, और लगातार बढ़ रहा है. केंद्रीय बैंकों ने ब्याज दरों को शून्य से बढ़ाकर 7.5 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर के साथ बैलेंस शीट का विस्तार किया है. इस वित्तीय सहायता को इसी तरह बने रहना चाहिए (कम से कम जब तक टीकाकरण एक महत्वपूर्ण लक्ष्य तक नहीं पहुंचता). इस सहयोग व समर्थन को जल्द हटा लेना, आर्थिक बहाली की दृष्टि से नुकसानदायक होगा, यहां तक कि आर्थिक विकास में दो अंकों की गिरावट हो सकती है. यदि ऐसा किया जाता है तो एक विलंबित वित्तीय संकट बापस लौटकर हमसे बदला ले सकता है. इस बीच, ऋण रिकॉर्ड स्तर पर जमा हो रहा है, और इसे ले कर अभी तक कोई योजना नहीं बनाई गई है कि दुनिया इस के लिए भुगतान कैसे करेगी? या साल 2021 के एजेंडे पर प्राथमिक रूप से होना चाहिए.

ब्रेटन वुड्स नॉस्टैल्जिया कोई नई बात नहीं है. साल 2008 में लेहमैन संकट के दौरान एक ऐसा ही क्षण था जब जी-20 को राष्ट्रपति स्तर पर दुनिया के शीर्ष आर्थिक मंच को(उन्नत अर्थव्यवस्थाओं के जी-7 समूह की जगह) तरजीह दी गई. इसने आधिकारिक रूप से चीन और बड़ी अर्थव्यवस्थाओं को संकट की रोकथाम के प्रयासों में साथ लाने की ज़रूरत को मान्यता दी. अंततः, जॉर्जीवा के आह्वान का जवाब वैश्विक स्तर पर नेताओं को देना होगा। आने वाले वर्षों में कौन सा अंतरराष्ट्रीय ढांचा शासन करेगा? चीन की क्या भूमिका होगी? जलवायु परिवर्तन जैसे गंभीर व गैर-प्रतिवर्ती ख़तरे सार्वभौमिक हैं, ऐसे में बहुपक्षवाद और सहयोग से क्या उम्मीद की जा सकती है? इसके लिए वैश्विक वित्तीय वास्तुकला से परे बदलाव की आवश्यकता होगी; हमारे लिए ज़रूरी है कि हम अंतरराष्ट्रीय राजनीतिक वास्तुकला को फिर से परिभाषित करें. व्यापार, निवेश, प्रौद्योगिकी हस्तांतरण, सुरक्षा और स्वच्छ ऊर्जा के लिए बेहतर ढंग से परिभाषित नियम सामने रखे जाएं जो दीर्घकालिक रूप से आर्थिक विकास को बनाए रखने के लिए बेहद आवश्यक हैं.

जॉर्जीवा के आह्वान का जवाब वैश्विक स्तर पर नेताओं को देना होगा। आने वाले वर्षों में कौन सा अंतरराष्ट्रीय ढांचा शासन करेगा?

क्या अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन इस संबंध में हमारे बचाव में आ सकते हैं? उनका मतदाता वर्ग इन मुख्य चुनौतियों से निपटने के अवसर प्रदान करता है, लेकिन घरेलू हितों और राष्ट्रीय हितों में मौजूद अंतर को कम कर के नहीं आंका जाना चाहिए, और इस संबंध में हमारा विश्वास, गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त हो गया है, जिस के चलते विश्वास बहाल करने में समय लग सकता है.

साल 2021 में, अनिश्चितता बनी रहेगी क्योंकि यह सभी काम बहुत बड़े स्तर पर किए जाने हैं. लॉर्ड कीन्स ने ब्रेटन वुड्स की अंतिम बैठक में कहा, “हमें एक ही समय में वह सभी काम करने होंगे जो अर्थशास्त्रियों, फाइनेंसर, राजनेताओं, पत्रकारों, प्रचारकों, वकीलों, राजनेताओं और पैगंबर और भविष्य दृष्टा सूथसेयर के लिए सही साबित हों.” इस बार सही व सटीक कारणों से हमें चिकित्सकों व मेडिकल क्षेत्र से जुड़े लोगों को भी इस सूची में शामिल करना होगा.

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